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आंविकेति 23 सितंबर 1993 को भारत के माननीय राष्ट्रपति डॉ.शंकर दयाल शर्मा के करकमलों द्वारा राष्ट्र को समर्पित किया गया ।

आंचलिक विज्ञान केंद्र में आपका स्वागत है । अलिपिरि-जू पार्क रोड पर स्थित आंचलिक विज्ञान केंद्र जनता के लिए विभिन्न क्रियाकलापों से युक्त अनौपचारिक वैज्ञानिक शिक्षा का गंतव्य स्थान है ।

इस केंद्र में मनोरंजक विज्ञान, लोकप्रिय विज्ञान, हमारा ब्रह्माण्ड, हमारी इंद्रिया, भ्रम, उभरती प्रौद्योगिकी जैसी 6 स्थाई प्रदर्श दीर्घाऍ हैं । आंविकेति के हरे-भरे लॉन से परिपूर्ण 5 एकड़ क्षेत्र में फैले हुए विज्ञान पार्क में पानी का फव्वारा, प्रागैतिहासिक पार्क, हर्बल गार्डन एवं जीवन विज्ञान कोना के साथ अनेक सुविधाएँ उपलब्ध हैं । यहाँ के नियमित 3-डी फ़िल्म प्रदर्शन, विज्ञान प्रदर्शन एवं तारामंडल, दर्शकों तथा विशेषतया स्कूली विद्यार्थियों के मन मोह लेते हैं। इस केंद्र में सभी वर्ग के लोगों के लिए संपूर्ण वर्ष के दौरान अनेक शिक्षा विस्तारक कार्यक्रम अयोजित किए जाते हैं।

आंचलिक विज्ञान केंद्र, तिरुपति, संस्कृति मंत्रालय के अधीन राविसंप की ईकाई है जो राविसंप केही दक्षिण अंचल मुख्यालय विश्वेश्वरैया औद्योगिक एवं प्रौद्योगिक संग्रहालय के प्रशासनिक नियंत्रणाधीन है। आंविकेति 23 सितंबर 1993 को भारत के माननीय राष्ट्रपति डॉ.शंकर दयाल शर्मा के करकमलों द्वारा राष्ट्र को समर्पित किया गया ।

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